जानिए सरकार के कदम से बासमती चावल ने पाकिस्तान को कैसे रूलाया !

@Saurabh & Viabhav

#बासमती_चावल_के_बहाने_पाकिस्तान_पर_आर्थिक_सर्जिकल_स्ट्राइक

भारत में उत्पादित होने वाला बासमती राइस वैश्विक स्तर पर एक ब्रांड में बदल चुका है इसको देखते हुए भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संस्था डब्ल्यूटीओ से बासमती राइस को लेकर भारत के लिए जीआई टैग की मांग की है

जीआई टैग भारत को मिलते ही दुनिया में कोई और देश अगर अपने यहां बासमती चावल का उत्पादन करेगा तो उसे बासमती शब्द छोड़ना पड़ेगा जीआई टैग मतलब ज्योग्राफिकल इंडिकेशन

बासमती चावल की लोकप्रियता का आलम यह है कि अमेरिका के टेक्सास की एक कंपनी ने भी 1997 में ब बासमती चावल का पूरा पेटेंट हासिल कर लिया था लेकिन भारत सरकार के द्वारा विरोध जताने पर अंत में उसे अपना पेटेंट छोड़ना पड़ा लेकिन उस समय भी भारत सरकार ने जीआई टैग की मांग नहीं की थी डब्ल्यूटीओ से लेकिन अब कर दी है


बासमती चावल के निर्यात में 65 % हिस्सा भारत का है और 35% के करीब पाकिस्तान का हालांकि कि जैसे ही भारत ने यह कोशिश की पाकिस्तान में हाय तौबा मचना शुरू हो गया

वैसे भी भारत को जीआई टैग मिलते ही पाकिस्तान को अपने बासमती चावल में बासमती नाम हमेशा के लिए हटाना पड़ेगा पाकिस्तान के डूबती अर्थव्यवस्था के लिए यह ताबूत में अंतिम कील जैसा ही होगा

और बासमती चावल में प्रयुक्त शब्द बासमती संस्कृत के वासमती से लिया गया है वैसे भी विभाजन के बाद पाकिस्तान ने भारत नाम त्याग दिया भारत की सारी संस्कृति त्याग दी तो भारत की ब्रांडिंग वाली उत्पाद का नाम लेकर क्यों ढूंढ रहे हैं उनको अपने चावल के नाम पर तुर्की का नाम लिखना चाहिए और चावल का नाम तुर्कानी  चावल रखना चाहिए ना कि बासमती चावल

Vaibhav Vibhu की फेसबुक वाल से

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