संजीवनी बनी रेमडेसिविर की कमी से थर्राया झाँसी


कुछ मेडिकल स्टोर्स संचालक कर रहे काला बाजारी। जहाँ एक ओर कोरोना ने अपने पॉव पसारने शुरू कर दिए हैं वहीं दूसरी ओर दवा विक्रेताओं ने मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिया है।

एक ओर तो शासन और प्रशासन यह दावा कर रहा है कि संजीवनी बूटी बने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है वहीं दूसरी ओर शासन का यह दावा खोखला होता दिखाई दे रहा है। मामला बुंदेलखंड के जिला झाँसी का है आपको बता दें कि झाँसी में इस समय 3000 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं और इसके अलावा मरीज और अधिक बढ़ने की संभावना भी की जा रही है। बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए झाँसी प्रशासन ने भी कमर कस रखी है।


कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मेडिकल कालेज में कोविड वार्ड और पलंगों की संख्या बढ़ाने के साथ निजी अस्पतालों को भी  कोविड का इलाज देने को सहमति दे दी है, जिसमें झाँसी के 8 निजी अस्पतालों को कोविड संक्रमित मरीजो को इलाज देने के लिए नियुक्त किया गया है। निजी अस्पतालों पर नहीं कोई लगाम।

निजी अस्पतालों को प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज देने के साथ ही मरीजों के परिवार से पैसा ऐंठने की छूट भी दे रखी है। निजी अस्पताल मनमाने ढंग से मरीजों के इलाज के नाम पर सिर्फ रुपया ऐंठ रहे हैं। 


मेडिकल कालेज के बैड हुए फुल

मेडिकल कालेज स्थित कोविड सेंटर के बैड इस समय मरीजों से भर चुके हैं, वहीं कई मरीज बरामदे, स्ट्रेचर,  अम्बलन्स में बैड खाली होने का इंतजार कर रहे हैं।

रेमडेसिविर इंजेक्शन का टोटा

जहां मेडिकल कालेज में आवश्यकतानुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना मरीजों को दिए जा रहे हैं, वहीं निजी चिकित्सालयों में मरीज के लिए संजीवनी बने इंजेक्शन रेमडेसिविर की कमी दिखाई दे रही है, निजी चिकित्सालयों ने कोरोना मरीज के इलाज की जिम्मेदारी तो ले ली है लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं जो कि काफी चिंता का विषय है।



बाहर से लेकर आओ इंजेक्शन

निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को यह बोला जाता है कि यह इंजेक्शन ( रेमडेसिविर) बाहर से लेकर आओ 6 इंजेक्शन के कोर्स से मरीज ठीक हो सकता है। लेकिन झाँसी के किसी भी मेडिकल स्टोर पर यह इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होता।

सिर्फ 2 स्टोर्स पर मिलता है यह इंजेक्शन

मेडिकल कालेज के पास बनी अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स की मंडी में सिर्फ 2 स्टोर्स पर ही उपलब्ध होगा यह इंजेक्शन यह जानकारी ड्रग कमिश्नर द्वारा हमारे झाँसी संवाददाता को दूरभाष पर दी गई। लेकिन जानकारी लेने पर इन स्टोर्स ने भी इंजेक्शन देने की असमर्थता जाहिर की।


मनमाने रेट पर बिक रहा इंजेक्शन

कुछ निजी अस्पतालों और इन मेडिकल स्टोर्स पर मनमाना रुपया लेकर यह इंजेक्शन मरीज के तीमारदार को दिया जाता है और वह भी पूरा 6 इंजेक्शन का कोर्स नहीं बल्कि 1 या 2 इंजेक्शन ही दिए जाते हैं। आखिर इन मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों पर प्रशासनिक कार्यवाही क्यों नहीं होती?

सवाल तो बहुत हैं लेकिन बुन्देलखंड न्यूज़ का आग्रह झाँसी प्रशासन और उत्तरप्रदेश शासन से है कि इन सब बातों को संज्ञान में लेते हुए इन अस्पताल और मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि कोरोना संक्रमित मरीज कोरोना को हराने के लिए सक्षम हो सके।

साथ ही अपील करते हैं कि मास्क का प्रयोग अवश्य करें, अपने हाथों को धोकर ही कुछ खाएं अगर कोरोना को हराना है।

Comments

  1. इसकी शिकायत कम्पनी के ईमेल पर या वेबसाइट पर जाकर करें, सिपला के मालिक तुरंत कोई कार्यवाही करेंगे।

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