तुम्हारी फिल्में देखने से हमें क्या मिलता है बाॅलीवुड?


@ Sachin Chaturvedi

ये वो प्रश्न है जो आजाद भारत का युवा आज पूंछने की हिम्मत जुटा पाया है, जो बाॅलीवुड माफिया के सम्मोहन में वर्षों से जकड़ा हुआ था। बाॅलीवुड हमारा सिरमौर क्यों है? हम किनकी नकल कर रहे हैं? किन्हें आदर्श मानते हैं? हम ये फिल्में देखकर किनकी झोली भर रहे हैं?

आखिर अब धीरे-धीरे ही सही, पर परतें उघड़ रही हैं और बाॅलीवुड के उस नेक्सस के अन्दर की तस्वीर समझ आ रही है जो अब तब लोगों की नजरों से छिपी रही। दरअसल आजाद भारत का युवा उस रास्ते पर चल पड़ा था जो उसे पुनः गुलामी की ओर ले जा रहा था। पर इधर कुछ हालात ऐसे बनते चले गये कि बाॅलीवुड को लोगों ने बिना कपड़ों के भी देख लिया और असलियत जगजाहिर हो गयी।

अरे आप होंगे बाॅलीवुड के शहंशाह! आप होंगे किंग खान! आप होंगे सुपर स्टार! लेकिन इससे हमें क्या? हमें आपसे क्या मिल रहा है? जो मिल रहा है, वो आपको ही हमसे मिल रहा है। ये कह रहा है आज का युवा। लोगों की ये सोच यकायक परिवर्तित नहीं हुई बल्कि बाॅलीवुड को जब राष्ट्रवाद के चश्में से देखा तो दिखाई दिया कि असली राष्ट्रद्रोही तो यहीं घुसे हुए हैं। जिन्हें न तो राष्ट्र से मतलब है, न यहां से कोई मोह। उनकी अपनी एक जिन्दगी है, जिसमें पैसा और चमक-धमक ही सब कुछ है।

हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि जो उत्कृष्ट है, उसके जैसा बनो, उससे सफलता के गुर सीखो। पर भारत का युवा बाॅलीवुड के उन लोगों को उत्कृष्ट मानता है, जो किसी भी सूरत में इस पैमाने पर खरे नहीं उतरते। अभिनेता रियल हीरो नहीं है। रियल हीरो देखना है तो आपको अपने आसपास ही वो रियल हीरो मिल जायेंगे जो कम से कम समाज को कुछ दे तो रहे हैं, न कि समाज को ही चूसने में लगे हैं। क्योंकि वो  बाॅलीवुड के लिए सिर्फ पैसा ही मुख्य है। न तो वहां राष्ट्रवाद नाम की कोई चीज है, न ही धर्म और न ही संस्कृति। बाॅलीवुड एक अलग ही संस्कृति है। जो केवल पैसे से चलती है। जो पैसे को ही सब कुछ मानती है। उनके लिए मोदी भी वही है जैसे मनमोहन। उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनकी एक अलग ही दुनिया है। उनकी दुनिया में पैसा, शोहरत, ग्लैमर, सेक्स और ड्रग्स सब कुछ शामिल है। करन जौहर के बारे में कौन नहीं जानता, महेश भट्ट के बारे में कौन नहीं जानता, शाहरूख खान हों या आमिर खान, सब एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। पैसे कमाने के सारे हथकंडे वो अपनाते हैं। किसी भी उद्घाटन के लिए उन्हें बुलाइये तो भी वो बिना पैसे लिये नहीं जाते। 

लेकिन इस इंडस्ट्री में एक खास चीज है, और वो है जब कोई इनके उस नेक्सस को तोड़ने के लिए आगे बढ़ता है, तो ये एक होकर विरोध करते हैं। क्योंकि ये जानते हैं कि अगर कोई उस नेक्सस के भीतर घुसकर अपने इरादों में कामयाब हो गया तो फिर पूरे बाॅलीवुड का वो स्ट्रक्चर खत्म हो जायेगा जिसकी छत के नीचे ये पीढ़ियों से पलते चले आ रहे हैं।

माना कि अभिनय भी एक कला है। लेकिन कभी सोचकर देखिये कि कला के जो और क्षेत्र हैं, क्या वो उतने सम्पन्न हैं, जितना बाॅलीवुड? नहीं न? पुरानी फिल्मों को आज के इस दौर में जब आप देखेंगे तो पायेंगे कि कैसे कुछ-एक परिवारों की जागीर रहा है ये बाॅलीवुड। कला के नाम पर वहां वो सब कुछ होता है, जो नहीं होना चाहिये। धीरे-धीरे बाॅलीवुड को एक खास माफिया वर्ग ने अपने शिकंजे में ले लिया और फिर शुरू हुए वहां देशविरोधी कृत्य। अब तो सरेआम हो चुका है कि दाऊद जैसे कई देशविरोधी तत्वों का पैसा इस इंडस्ट्री में लगा हुआ है। जब देशविरोधी लोग ही मुख्य इन्वेस्टर्स होंगे तो वो अपने फायदे के लिए अपने हिसाब से ही इस बिजनेस को चलायेंगे तो इसमें आश्चर्य कैसा? तो फिर कैसा आश्चर्य जब बाॅलीवुड देशविरोधी बातें करता है। पर आश्चर्य वहां होता है जब सब कुछ जानते समझते हुए भी हमारी सरकारें इन पर कार्यवाही नहीं करतीं।

पर अब वक्त है, इस नेक्सस को तोड़ने का। एक्टर्स को रियल हीरो मानना छोड़ना पड़ेगा। हमें यह समझना होगा कि ये सिर्फ अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं और उसके एवज में हम उन्हें पैसे दे रहे हैं। हमारे रियल हीरो होंगे वो समाजसेवी जो अपनी परवाह न करके दूसरों के घरों के चूल्हे जलाने का काम लगातार कर रहे हैं, वो लोग जो समाज को एक नयी दिशा दे रहे हैं। दरअसल वही है हमारे असली हीरो, ये बाॅलीवुडिया एक्टर नहीं।

Comments

  1. दरअसल हम लोगों ने उन्हें भगवान बना दिया इन नौटंकी के कलाकारों का भ्रम तोड़ना होगा इनको सिर्फ मनोरंजन का जरिया माना जा सकता है इसके आगे कुछ नहीं जिसकी कीमत उनके काम से बहुत ज्यादा है

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    1. बिल्कुल, एक स्वस्थ मनोरंजन की चाह थी हमें, तभी तो इस इंडस्ट्री का जन्म हुआ। पर हमारे पैसों पर पलने वाली यह इंडस्ट्री के कलाकार कब से हमारे रोल माॅडल हो गये? और हो भी जाते, कोई दिक्कत नहीं थी, पर जो खुद दूषित हो चुका हो वह हमें क्या आदर्शवाद पढ़ायेगा और क्या हमारे युवा उनका अनुसरण करेंगे।

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