टूटे हुए सपनों की कौन सुने सिसकी ?

प्रदेश के सबसे बड़े शिक्षण केंद्र प्रयागराज में एक था सिविल सर्विस एस्पिरेंट... नाम राजीव चौधरी... वही राजीव जिसने 32 वर्ष के उम्र के दरमियान अपनी कठिन साधना, परिश्रम और त्याग के बूते PCS Pre से लेकर Mains होते हुए Interview तक का सफ़र तय किया... पर सफ़लता से उसका महज चंद कदमों का फ़ासला रह गया. महज इतने फ़ासले ने उसकी ज़िन्दगी के शोर को मौत के सन्नाटे में बदल दिया.

इतनी उम्र तक वह अपनी उम्मीदों के सहारे घिसटता रहा, घिसटता रहा... लेकिन जब उम्मीदें धुंधली होने लगी हों, या कहूँ कि ख़त्म होती उम्मीदें फंदे तक जाने को मजबूर कर देती हैं... कल शाम उसने प्रयाग के बघाड़ा स्थित कमरे में मौत को गले लगा लिया. व्यावहारिक रूप में उसने फांसी लगाकर मौत को गले लगाया जबकि सच्चाई यह है कि सैद्धांतिक रूप से इस व्यवस्था ने उसे कब का मार डाला था. 

दूसरों के सुखद जीवन की सैद्धांतिक कामना करने वाला यह समाज, व्यवस्था और उसके लोग, व्यवहार जगत में अपने गलत नीतियों और कुत्सित आचरणों की छूरी से प्रति'योगियों' का गला काटते आए हैं... संवेदना जताने वाले भद्र लोग ही अक्सर उस मृत्यु हेतु परोक्ष अथवा अपरोक्ष रूप से अपने छ्द्म कृत्यों के कारण जिम्मेदार होते हैं.

इस मृत्यु के बाद अगले ही दिन रोज़गार के मुद्दे पर सर्वथा असफल, प्रदेश सरकार का नया फरमान आया है. वर्तमान व्यवस्था का सारांश है कि 30-35 साल की उम्र में नौकरी, 5 साल संविदा पर रखकर शोषण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा फ़िर 50 की उम्र में जबरन रिटायरमेंट... सरकार की ये नीतियां हमारे आपके लिए एक फंदा तैयार कर रही हैं, जिसमें लटककर युवा अपनी सांसारिक समस्याओं से पूर्ण मुक्ति को प्राप्त हो सकता है. सन्यासी के राज्य में मोक्ष के द्वार खोले जा रहे हैं...

आने वाले समय में इनके नीतियों के बदौलत इन आत्महत्याओं या कहूँ तो प्रायोजित हत्याओं से सरकार के लिए महज आत्महत्या के आँकड़ों में वृद्धि होती रहेगी और किसानों-गरीबों के घरों के चिराग़ एक-एक कर बुझते रहेंगे... 
हे सत्ताधीश! याद रखना, जो युवा अपने सपनों के पूर्ति हेतु आपको नेतृत्व सौंपता है, उसी असंतुष्ट युवा की धुंधली होती उम्मीद आपको गद्दी छोड़ने पर मजबूर कर सकती है. चेत जाइए और आँकड़ों की सरकार चलाने के बजाय व्यवहार और संवेदना की सरकार चलाइए. बाकी 
मुस्कुराइए! आप निजीकरण के नए सपनों के भारत में हैं... मुस्कुराइए! आप असीम सम्भावनाओं के प्रदेश, बेरोज़गार उत्तर प्रदेश में हैं... 😊

राजीव की आत्मा के शांति एवं परिवार के दुःख सहने हेतु संबल की कामना... 
( सोशल मीडिया से साभार )

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