महिलाओं को मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित करने वाली बांदा की अंजू दमेले को वीरांगना पुरस्कार


बांदा की बेटी अंजू दमेले ने महिला सशक्तिकरण को लेकर पिछले 12 साल में 5000 महिलाओं को मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित किया है। उनके इस उत्कृष्ट कार्य के लिए संस्कार मंजरी ग्वालियर संस्था द्वारा कल रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर वीरांगना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

बुंदेलखंड की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी संस्कार मंजरी ग्वालियर द्वारा वीरांगना सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।वर्चुअल के माध्यम से हुए इस सम्मान समारोह में भारत की 4 महिलाओं को सशक्तिकरण एवं उत्कृष्ट कार्यो के लिए वीरांगना पुरस्कार से अलंकृत किया गया। इसमें बांदा की श्रेया आकर्ष इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर रानी अंजू दमेले को भी सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व आईपीएस सुश्री भारती घोष उपाध्यक्ष वेस्ट बंगाल रही और आयोजन समिति की संस्थापक नीलम जगदीश गुप्ता रही। समाजसेवी एवं स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर डॉ नंदिता पाठक ने सफल संचालन कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।

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बांदा की बेटी अंजू दमेले श्रेया आकर्ष इंस्टीट्यूट के माध्यम से स्वरोजगार परक कार्यक्रम चलाती हैं इसके अलावा पिछले 12 सालों से महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत महिलाओं को मार्शल आर्ट की निशुल्क ट्रेनिंग देती हैं ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर हो और संकट के समय अपनी रक्षा कर सकें।उन्हें यह सम्मान मिलने से संस्थान परिवार और जनपद के लोग गौरवान्वित हैं।

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