कोविड-19 के सख्त निर्देशों के बावजूद प्रशासन की सुस्ती से लोग कोरोना की प्रति लापरवाह हो गए हैं।यही वजह है कि बाजार हो या ट्रेन या बसों का सफर हो लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया है और सेनिटाइजर का इस्तेमाल भी लगभग बंद कर दिया गया है।जिससे बुंदेलखंड के सभी जनपदों में एक बार फिर कोरोनावायरस सिर उठाने लगा है।
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बुंदेलखंड में अब तक सभी 14 जिलों में 35,982 लोग संक्रमित हुए हैं इनमें से 1959 अभी भी सक्रिय हैं जबकि 32943 संक्रमित लोग स्वस्थ होकर घर घर जा चुके हैं इनमें 717 लोगों की कोरोनावायरस की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। अकेले झांसी जनपद में 175 लोग जान गवां चुके हैं जबकि मध्य प्रदेश के सागर जनपद में मृतकों का आंकड़ा 133 पहुंच गया है।सबसे कम मरीज मध्यप्रदेश के निवाड़ी में पाए गए हैं जहां मात्र 514 मरीज संक्रमित हुए थे इनमें से एक की मौत हो चुकी है।उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा में 34 ,जालौन में 41 और ललितपुर में 45 लोगों की मौत हुई है।इन आंकड़ों को देखकर भी लोग भयभीत नहीं है।
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जिस तरह मार्च से लेकर सितंबर तक प्रशासन की सख्ती से लोग मास्क का स्माल कर रहे थे वही बाजारों में भीड़ कम नजर आ रही थी लेकिन जैसे-जैसे प्रशासन ने लोगों को छूट प्रदान की वैसे ही लोग लापरवाह होते चले गए। वर्तमान में रोडवेज की बसों में सफर करने वाले यात्री यदा-कदा मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, बसों को भी सैनिटाइज नहीं किया जा रहा और न ही यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात हो गई है।
यही हाल रेलवे स्टेशन में भी देखने को मिल रहा है यहां से सफर करने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।बाजार में तो हद हो गई है यहां दुकानदार हो या ग्राहक मात्र 5 प्रतिशत लोग ही मास्क लगाए नजर आते हैं जैसे इन्हें कोरोना का भय ही नहीं है।
इसी तरह भीड़ भाड़ वाले स्थानों कचहरी हो या सब्जी मंडी अथवा जनहित के जुड़े कार्यों से संबंध सरकारी कार्यालय हो, सभी स्थानों पर लापरवाही नजर आ रही है हालांकि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शासन की ओर से सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
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फिर भी बुंदेलखंड के अधिकांश जनपदों में न तो लोग कोरोना के प्रति सजग नजर आ रहे हैं और न ही प्रशासन सख्ती बरतने के मूड में हैं जिससे सभी जनपदों में एक बार फिर कोरोनावायरस सिर उठा रहा है।
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