चाइल्ड प्रोनोग्राफी केस : रिमांड के बाद खुलेगा तीन सिमों व फर्जी ई-मेल आईडी का राज


चाइल्ड प्रोनोग्राफी केस

चाइल्ड प्रोनोग्राफी केस में गिरफ्तार किए गए सिंचाई विभाग के जेई राम भवन के घिनौने खेल में और कौन-कौन लोग शामिल है तथा विजय के नाम से इस्तेमाल की जा रही मोबाइल सिमो और फर्जी ईमेल आईडी की सच्चाई से पर्दा उठ सकता है।इसी सच्चाई का पता लगाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो आरोपी जेईई को रिमांड पर लेना चाहता है।


इंजीनियर रामभवन के तीन मोबाइल फोन और तीन ईमेल आईडी का जिक्र सीबीआई ने अपनी एफआईआर में भी किया है. । जानकारी के मुताबिक इंजीनियर रामभवन जिन तीन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था, उनके नंबर 998413, 969518 और 829911 था। इनमें से पहला नंबर सभी जानने वालों के पास था. दूसरे नंबर की जानकारी सिर्फ बेहद करीबियों को थी, जबकि तीसरे नंबर का इस्तेमाल वह सिर्फ अपने गुनाहों के काले कारनामों के लिए ही करता था।


कौन है विजय,जिसके नाम बनी ईमेल आईडी

रामभवन जिन तीन ईमेल आईडी का इस्तेमाल करता था, उन सभी में विजय नाम का इस्तेमाल है, विजय के साथ ही तीनों आईडी में द भी जुड़ा हुआ है। नाम के साथ जोड़े गए इस दू शब्द के बारे में फिलहाल अभी कोई जानकारी नहीं है. दो आईडी में विजय और दू के साथ ही संजय भी लिखा हुआ है। एक आईडी में 81 नंबर जुड़ा हुआ है जबकि दूसरे में 111980 शब्द. अनुमान लगाया जा रहा है कि विजय ने अपने जन्म के वर्ष और महीने को इसमें जोड़ा हुआ है।


सूत्रों की मुतबिक सीबीआई ने रामभवन के खिलाफ 31 अक्टूबर को दोपहर 1.55 पर केस दर्ज किया है सीबीआई को रामभवन के खिलाफ अज्ञात लोगों द्वारा भेजी गई। शिकायत के साथ जो पेन ड्राइव दी गई थी, उसमे 34 वीडियो और 679 फोटोग्राफ्स थे ये सभी उन बच्चों के होने की आशंका है, जिन्हें रामभवन ने अपना शिकार बनाया था।

सीबीआई ने आरोपी रामभवन के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज किया है, इनमे आईपीसी की धारा 377, पाक्सो एक्ट की धारा 14 और आईटी एक्ट की धारा 67 बी शामिल है।सीबीआई की दो टीमें अब भी चित्रकूट और बांदा जिलों में कैम्प कर रामभवन के गुनाहों से पर्दा हटाने की मुहिम में जुटी हुई हैं। जल्द ही रामभवन के काले कारनामों में सहयोग देने वाले कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जा सकती है।

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