पुलिस की लापरवाही से बांदा में हुआ तिहरा हत्याकांड

 

शहर कोतवाली अंतर्गत पुलिस चैकी के पुलिसकर्मी अगर सिपाही के शिकायत पर तत्काल एक्शन लेते तो सिपाही और उसकी बहन व मां की निर्मम हत्या न होती इस तिहरे हत्याकांड के लिए पुलिस चैकी के स्टाफ को जिम्मेदार माना जा रहा है।

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दिलीप चश्मदीद गवाह

इस घटना में गंभीर रूप से घायल अभिजीत का अभिन्न मित्र नेटवर्क इंजीनियर दिलीप चश्मदीद गवाह है। उसके मुताबिक दोनों परिवारों के बीच जूठन डालने के विवाद में 1 दिन पहले झगड़े की शुरुआत हुई थी। 

अभिजीत और देवराज के परिवारों के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है। दोनों का घर अगल-बगल होने के कारण नाली में कूड़ा फेंकने को लेकर अक्सर दोनों परिवार आमने सामने आ जाते थे।

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अभिजीत और उसका भाई सौरभ दोनों का पुलिस विभाग में सलेक्शन हो जाने के बाद देवराज परिवार उनसे और ज्यादा खुन्नस रखने लगा था। आरोपित देवराज के भाई शिवपूजन की बेटी संध्या की शादी डिघवट में हुई है। वह शुक्रवार की सुबह अपने घर आई हुई थी। इधर, अभिजीत भी छुट्टी लेकर शुक्रवार को सुबह घर पहुंचा था। संध्या के आने की खुशी में रात में खाने में गोश्त जिसका जूठनं संध्या ने नाली में डाल दी। उसी को लेकर अभिजीत ने विरोध किया।


पुलिस ने घटना को हल्के से लिया

इसी बात को लेकर झगड़े की शुरुआत हुई दोनों पक्षों से गाली गलौज के कारण अभिजीत ने मुझसे कहा चलो इस मामले की शिकायत पुलिस चैकी में कर दें, तब मैं उनके साथ पुलिस चैकी गया था। अभिजीत की मां रामावती की ओर से अलीगंज पुलिस चैकी में लिखित तहरीर दी गई थी।साथ ही अभिजीत ने इस मामले में कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह से मिलकर भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी लेकिन पुलिस ने इसे हल्के से लिया।

दिलीप के मुताबिक अभिजीत को अपने चचेरे भाइयों इस बात का अंदेशा था कि कहीं यह लोग कोई बड़ी घटना को अंजाम न दे इसलिए वह मुझे लेकर दोबारा रात में पुलिस चैकी पहुंचा और पुलिसकर्मियों से कहा कि तुम लोगों ने उन्हें अच्छे ढंग से समझाया नहीं है।

उन्हें ठीक से समझा दे वरना कोई बड़ी घटना न हो जाए। इस पर चैकी के पुलिसकर्मियों ने अभिजीत को समझाया कि तुम  पुलिस विभाग में हो, कोई कार्रवाई करने पर तुम पर आरोप लगेगा कि तुम अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हो, इसलिए शांत हो जाओ, अब वह कोई घटना को अंजाम नहीं देंगे।

पुलिस द्वारा उन्हें वापस करने पर मैं अभिजीत के साथ घर आया तभी देवराज के घर की एक महिला अभिजीत से आकर लिपट गई और अचानक कुल्हाड़ी लाठी डंडे से देवराज के परिवार ने हम पर हमला कर दिया।मैंने अभिजीत को बचाने की कोशिश की, तो मुझ पर भी कुल्हाड़ी और डंडे से हमला कर दिया।

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घायल होने के बाद मैं भी अपने घर की तरफ भागा और अपने भाइयों को घटना की जानकारी देकर कहा कि किसी तरह अभिजीत की जान बचा लो, मेरे परिवार के लोग मुझे अस्पताल लेकर आ गए और उधर देवराज और उसके भाईयों ने लाठी-डंडा, साबड़-हथौड़ा और कुल्हाड़ी से परिवार पर हमला कर मां रामावती, अभिजीतव उसकी बहन तीनों को मौत के घाट उतार दिया। देवराज मृतक सिपाही के ताऊ का ही बेटा है।

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